Wednesday, 17 October 2018

दिल का सुकून...



बहुत दिन से कुछ तलाश कर रहा हूं...
जैसे कुछ खो सा गया है...
कहीं इधर ढूंढता हूं...
कहीं उधर ढूंढता हूं...
कहीं सपनों में देखता हूं...
कहीं अपनों में खोजता हूं...
कहीं धूप में तो...
कहीं छांव में...
कभी दिन में...
तो कभी शाम में...

लेकिन नहीं मिलता मुझे...
बोलो अब कहां ढूंढू इसे...

लगा मुझे कि किसी ने मुझसे चुरा सा लिया है...
या फिर शायद मुझसे कहीं रूठ सा गया है...
जिसके रहने से चेहरे पे एक खुशी सी रहती थी...
गम तो बहुत हैं मगर फिर भी होंटो पे एक हसीं सी रहती थी...
उसके होने से जिंदगी में भी कई रंग सा था...
आस थी जीने की और मन में एक उमंग सा था...

अब कहीं दूर...शायद बहुत चला गया...

काश कोई मुझे बता भी देता...

वो मेरे दिल का #सुकून ही है,
काश आज वो #सुकून कोई लौटा ही देता...

#आशीष #गुप्ता...

ज़िन्दगी की उड़ान अभी बाकी है...





सफर थोड़ा लम्बा है...
मगर कुछ ख्वाहिशें अभी बाकी है...

अभी तो समंदर सी लहरें उठी हैं मेरे अंदर...
अब तो शहर हर शहर में खुद को थोड़ा मशहूर करना बाकी है...

जब कदम बढ़ा ही दिया है मैंने मंजिल की तरफ...
तो अब ये नहीं सोचना कि जाना कितना दूर है...

अब तो बस एक ही जिद है मेरी...
इस खुले आसमान में ज़िन्दगी जीने की उड़ान अभी बाकी है....

#आशीष #गुप्ता....

हर ख़्वाब हक़ीक़त हो जाए ...ये जरूरी तो नहीं... हर मोहब्बत पूरी हो जाए ...ये जरूरी तो नहीं... हम तुम्हें पसंद करतें हैं ...ये और बात है... त...