इतने दिनों से जिसकी रह तकि...
वो सर झुकां के बगल से यूं गुजर गए...
मैंने झट से ही जैसे उनका नाम लिया...
पलटकर मुस्कुराया और बिना कुछ कहे ही चले गए...
अब जब भी मिलेगी तो उससे ज़रूर पूछूंगा...
इशारा तो किया मगर दिल का पता बताना भूल गए...
आशीष गुप्ता....