आज लगता है दिल में किसी ने दस्तक दिया है...
दिल तो पहले भी धड़कता था आज कुछ ज़ोर से धड़का है...
आख़िर कौन हो तुम और कहां से आयी हो...
पहले तो कभी नहीं देखा कहीं जन्नत से अाई हो...
अब आ ही गई हो तो बैठो कुछ बातें करते हैं...
कुछ नहीं है तो मोहब्बत की ही बातें करते हैं...
सवाल तुम करोगी जवाब हमारा होगा...
नज़रों से तीर तुम चलाओगी हम जानते हैं शिकार हमारा ही होगा....
शिकार ही करना है तो एकबार अपने नशीली आंखों में मुझे डूब जाने दो...
मोहब्बत किया है तुमसे ये मेरे हमसफ़र... मोहब्बत में थोड़ा तो भीग जाने दो...
इश्क़ करूंगा इतना कि ख़ुद को भूल जाऊंगा...
जान क़दमों में रख दूंगा और तेरे इश्क़ में फनह हो जाऊंगा...
आशीष गुप्ता...