Wednesday, 26 January 2022

सफ़ेद चादर...

आओ चलते हैं...कहीं दूर...बहुत दूर...
जहां कोई भी ना हो...
तुम हो हम हो...और ये ऊंची ऊंची पहाड़ की चोटियां...
जो बर्फ की चादर को लपेटकर...अपनी खूबसूरती का इजहार कर रही है...
दिल करता है... ख़ुद को भूल जाऊं...
और समा जाऊं...इन ख़ूबसूरत पहाड़ों के बीच में...

इन ठंडी हवाओं को सुनो ना...
जो पहाड़ों से टकराकर...
बर्फ की चोटियों से गुजरकर...
हमसे कुछ कह रही है....
हमें एहसास करा रही है अपने होने का...
इन ख़ूबसूरत वादियों से तो किसी को भी प्यार हो जाए...
लेकिन आसान कहां है तुमसे मोहब्बत करना...

आशीष गुप्ता...

हर ख़्वाब हक़ीक़त हो जाए ...ये जरूरी तो नहीं... हर मोहब्बत पूरी हो जाए ...ये जरूरी तो नहीं... हम तुम्हें पसंद करतें हैं ...ये और बात है... त...