Monday, 28 October 2024

मत सोचो इतना कि हर पल ख़्याल मेरा ही आए...
नाम किसी और का लो और नाम मेरा ही आए...


आशीष

Tuesday, 8 October 2024

इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में... कितना उलझ गया हूं मैं...
नौकरी के चक्कर में...अपने शहर से कितना दूर हो गया हूं मैं...
जो पास हैं उन्हें शिकायत है कि... कितना बदल गया हूं मैं..
अब क्या बताएं उन्हें हम... की ख़ुद से भी कितना दूर हो गया हूं मैं...

Sunday, 6 October 2024

अभी तो आंधियों से टकराकर निकला हूं...
तुफानों से टकराना अभी बाकी है...
बादलों से कह दो... की बारिशों को थोड़ा बचाकर रखें...
उनके आने में अभी वक्त थोड़ा और बाकी है....

आशीष......

हर ख़्वाब हक़ीक़त हो जाए ...ये जरूरी तो नहीं... हर मोहब्बत पूरी हो जाए ...ये जरूरी तो नहीं... हम तुम्हें पसंद करतें हैं ...ये और बात है... त...