हमने तो सुनी हज़ारों कहानियां...
पर हर कहानी में तो बस ज़िक्र किसी और का था...
ख्याल रखते हैं जिनका हम खुद से भी ज़्यादा अक्सर...
मगर उनके ख्यालों में तो फ़िक्र किसी और का था...
हमने तो सारी हदें पार कर दी
उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान के लिए...
मगर जब वो हँसी भी तो एहसास हुआ...
उसके चेहरे पे वो मुस्कान किसी और का था...
वो दूर खड़ी निगाहों से अपने जब इसारा किया मेरी तरफ...
जब पलटकर देखा तो उस इशारे का निशाना किसी और पर था...
आशीष गुप्ता
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