तुम #अजनबी बनकर आए थे...
और मुझे अपना बना लिया...
देख तेरी मोहब्बत ने फिर से हमें...
#अजनबी बना दिया...
आशीष गुप्ता...
तुम #अजनबी बनकर आए थे...
और मुझे अपना बना लिया...
देख तेरी मोहब्बत ने फिर से हमें...
#अजनबी बना दिया...
आशीष गुप्ता...
तुम्हें देखे तो हर समंदर की प्यास बढ़ जाए...
तुम्हारा नाम लिख दूं जिस पन्ने पे वो ख़ुद ही किताब बन जाए...
तुम्हारी शोखियां, तुम्हारी शरारतें, तुम्हारी हरकतें, हर किसी के दिलों पे राज़ करती है...
तुम्हें गर बादल भी देख ले तो, बिन मौसम बरसात हो जाए...
आशीष गुप्ता...
तुम्हें मैंने कई बार देखा...
लेकिन जब भी देखा तो लगा की पहली बार देखा...
वो नज़रों का धोखा था या तुम्हारे आंखों की बदमाशियां...
तेरे आंखों में ये काजल... आज ये पहली बार देखा...
तुम्हारी भोली सी सूरत पे...आज वो प्यारी सी मुस्कान देखा...
तुम्हारी झील सी आंखों में...ढलता हुआ एक शाम देखा...
तुम्हारी काजल की रेखा ने सारे बादल की घटाओं को यूं समेट लिया...
उन आंखों से भी मोहब्बत की इतनी बरसात होगी...आज ये पहली बार देखा....
आशीष गुप्ता....
आज हमने तारीफ़ में तुम्हारे...एक ग़ज़ल लिख दिया...
फिर देखो ना मोहब्बत भी हमसे...बेवजह ही रूठ सी गई...
उस ग़ज़ल का नाम हमने भी जब...मोहब्बत ही रख दिया...
फिर देखो ना मोहब्बत को भी हमसे...मोहब्बत सी हो गई...
आशीष गुप्ता...
हर ख़्वाब हक़ीक़त हो जाए ...ये जरूरी तो नहीं... हर मोहब्बत पूरी हो जाए ...ये जरूरी तो नहीं... हम तुम्हें पसंद करतें हैं ...ये और बात है... त...