आज मौसम कुछ बेईमान है काश तुम आ जाते...
मोहब्बत करते तुमसे और दोनों भीग जाते...
तुमसे लिपटकर मै अपने इश्क़ का इज़हार भी करता...
तेरे कपकपाते होंठों को छू कर मै जी भर के प्यार भी करता...
मै डूब जाता तेरे इश्क़ के समंदर में इस कदर की...
जान क़दमों में रख देता और खुद को फनाह भी कर जाता...
आशीष गुप्ता...
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