दोस्त नाम तो सुना ही होगा हर किसी के जिंदगी का एक अहम पहलू है...जो हमें खुद से भी ज्यादा प्यारा होता है... अपनी ज़िन्दगी से भी ज्यादा...
दोस्त भी कई प्रकार के होते हैं... अच्छे भी... बुरे भी...हमारा भी ऐसे ही कई दोस्तों से पाला पड़ा है...
लेकिन हमारे साथ एक इत्तफाक है...हम दोस्त ही कम बनाते हैं...और जिसे बनाते भी हैं... ज़िन्दगी भर साथ भी निभाते हैं...
ज़िन्दगी में दोस्त ना हो तो ज़िन्दगी भी अधूरी सी लगती है... हसनां, रूठना, मनाना, एक दूसरे का साथ निभाना, चाहे बुरे वक़्त हो या खुशी के पल... हर बात को कहने सुनने के लिए एक अच्छा दोस्त होना बहुत ही जरूरी होता है...
प्यार, इश्क़, मोहब्बत से भी ज्यादा दोस्ती का नशा होता है...जो एक बार लग जाए तो उतरने का नाम ही नहीं लेता...
वो कहते हैं ना...
आजकल दोस्ती भी कुछ तुमसे इस कदर सी हो गई है...
ज़िन्दगी के सफ़र में जैसे हमसफ़र सी हो गई है...
और बात अगर दोस्ती की हो तो (अंकित सक्सेना) का नाम ना आए तो समझो... दोस्ती शब्द ही अधूरा अधूरा सा लगता है...
जी हां...
अंकित सक्सेना जिनसे कुछ साल पहले ही मुलाक़ात हुई और फिर दोस्ती...और दोस्ती ऐसी की जैसे बादल बरसात के बिना अधूरा है...समंदर किनारे के बिना अधूरा है...वैसे ही हमारी दोस्ती भी अंकित के बिना ही अधूरी थी...
आज से 10 साल पहले...
मैं आगरा के जिनवाणी चैनल में काम कर रहा था...मुझे अकेला रहना बहुत ही ज्यादा पसंद है...किराए के कमरे में भी अकेला ही रहता था... रूम कभी शेयर नहीं किया किसी के साथ...ऑफिस में सब मुझे बहुत मानते थे... काम भी मेरा अच्छा था... लोगों का भरोसा भी मुझपर ज्यादा ही था...
कुछ दिन बाद ऑफिस के ही काम से रिकॉर्डिंग कमरे में जाता हूं...वहां मुझे नया बंदा दिखा...
मैंने उससे पूछा...भाई New Joining
उसने कहा... हां भाई आज ही आया हूं
मैंने कहा...बढ़िया भाई
फिर मैं अपना काम कर के निकल जाता हूं...
लड़का अच्छा था... स्मार्ट भी...हम तो देसी लुक वाले... कहां वो Good looking... बड़े बड़े बाल...कॉन्फिडेंट... मैं तो उसके सामने pure desi....
एक दो दिन बाद कुछ प्रोमो चल रहा था... लाइव चैनल पे...अचानक से सर बाहर आते हैं और बोलते हैं...
अरे ये प्रोमो किसने बनाया... उसका music sound effect ये किसने किया...
किसी ने कहा सर वो अंदर जो नया वाला लड़का है उसने बनाया है...
सर ने कहा...अरे, बहुत अच्छा बनाया है... पहली बार यहां इतना अच्छा काम देखा हूं....कहां है वो लड़का... उसको बुलाओ जरा...
वो लड़का आता है डरते डरते... सोचता है कि क्या हो गया... अचानक से मुझे क्यों बुला लिया....
सर... तुम्हारा नाम क्या है
लड़का...सर अंकित सक्सेना
सर....ये प्रोमो तुमने बनाया है
अंकित... हां सर
सर... तुमने बहुत अच्छा काम किया बेटा... पहली बार लगा कि यहां कोई अच्छा काम किया है...अंकित के लिए तो ताली बजनी ही चाहिए...
पूरे ऑफिस ने ज़ोर ज़ोर से ताली बजाया और सर ने अंकित को शाबासी भी दिया...
अच्छा लगा ये देख कर की कोई अच्छा काम करता है तो उसे appreciate तो मिलना ही चाहिए....
दूसरे दिन ऑफिस में...
मेरे दोस्त ने कहां की अंकित वहीं लड़का जिसके लिए कल हम सब ताली बजाए थे... वो लड़का काफी परेशान है... बहुत दूर से आता है... कहीं रूम नहीं मिल रहा उसे..और रोज़ आने जाने में बहुत पैसे खर्च हो जाते हैं उसके...
मैंने कहा...ठीक है देखता हूं...
अपने ही काम से रिकॉर्डिंग कमरे में गया और ऐसे ही बात करने लगा...
मैंने कहा...भाई तुम्हारा काम बहुत अच्छा है...लोगों को बहुत पसंद आया...
अंकित... thanku भाई
मैंने पूछा... पहले कहां काम करते थे...
अंकित...मुंबई में Production house
मैंने पूछा... और क्या क्या करते हो
अंकित... गाना गा लेता हूं... lyrics gingles और music का कोई भी काम भाई
मैंने कहा... वाह भाई बहुत सारे टैलेंट है यार तुम्हारे में तो...
यहां क्यों चले आए मुंबई से... वहां अच्छा था तुम्हारे लिए.... यहां तो इतनी सैलेरी भी नहीं देंगे यार...
अंकित... हां भाई बस थोड़ी मजबूरी है... क्या करें... नहीं तो मुंबई छोड़कर क्यों आता...
मैंने पूछा...कमरे नहीं मिल रहे तुम्हें
अंकित... नहीं भाई
मैंने कहा... अच्छा...तुम्हें कोई प्रॉब्लम ना हो तो हमारे साथ रह सकते हो... वैसे मैं अकेला ही रहता हूं...
अंकित... ठीक भाई...thanku so much भईया
उसके चेहरे पे एक अलग ही खुशी थी उस समय...
मैंने कहा...ठीक है कल सुबह चलते हैं रूम पे... तुम देख भी लेना...
अंकित...ठीक भाई
मुझे बात करने में अंकित बहुत ही सीधा लगा...उससे बात कर के मुझे ऐसा लगा कि हम पहले भी कभी मिल चुके हैं... प्यार से बात करना... respect करना...बहुत सारी खूबियां थी उसमें...गाना भी सुनाया... गाना सुनकर तो वाकई मैं खो सा गया...इतना जबरदस्त आवाज़ की कोई भी सुन ले तो पागल हो जाए...
मेरे दिमाग में तो बस यही चल रहा था कि इतना टैलेंट होते हुए ये यहां क्यों चला आया...पर जो भी था... अंकित से मिलकर कुछ अपनापन सा लगा...
हम उसे रूम दिखाते हैं... रूम छोटा सा था लेकिन दो लोगों के लिए पर्याप्त था...उसे भी अच्छा लगा...हम लोग आराम करने के बाद ऑफिस चले गए....
दूसरे दिन मकान मालिक को पता चला कि मेरे साथ कोई दूसरा शिफ्ट हो गया है... उनको ये बात गवारा नहीं...मुझे बुला लिया बात करने के लिए....
मकान मालिक... आशीष तुमने मुझे बताए बिना ही किसी को अपने साथ रख लिया
मैंने कहा... अच्छा लड़का है साथ में ही काम करता है...परेशान था... तो साथ में रख लिया...
मकान मालिक... लेकिन मुझसे पूछना तो चाहिए ना...
कहा रहता है... कुछ मालूम है... उसके पापा का नाम... उसका पता घर का... कुछ पता किया...
मैंने कहा... नहीं
मकान मालिक... फिर तो तुम बेवकूफ़ निकले ना... अंजान लड़कें को अपने साथ रख कर... कल को वो तुम्हारा मर्डर कर के चला जाए तो क्या होगा...
मैंने सोचा...अरे बाप रे कितना हटी आदमी है यार... इतना कौन सोचता है... इसके दिमाग में कूड़ा भरा है क्या लगता है...
मैंने कहा...भैया आप कुछ दिन देख लेना... अगर सही ना लगे तो आप मुझे भी निकाल देना...
उन्होंने कहा... ठीक है
फिर मैं चला गया...
अंकित ऊपर परेशान हालत में घूम रहा था... की क्या हो गया... क्यों बुला लिया है भैया को...कहीं मेरी वज़ह से इन्हें ना कोई तकलीफ़ हो जाए...
मैं गया ऊपर और अंकित से बात किया...कुछ नहीं सब ठीक है...वो पागल आदमी है...
काफी दिन बीत गया... धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से जान गए.. और पूरा ऑफिस हम दोनों की दोस्ती से भी वाक़िफ हो गया...हम दोनों में बहुत सारी चीज़े समान थी ...हम लोग खूब मस्ती करते थे... घूमना... फिरना सबकुछ काफी अच्छी बॉन्डिंग हो गई थी...
हम दोनों अपनी लाइफ की हर बातें शेयर करते थे...
उसने अपनी ज़िन्दगी की सारी कहानी बता दी मुझे...तब मुझे एहसास हुआ कि हमने तो ज़िन्दगी में कुछ किया ही नहीं है... जितना अंकित ने अपनी ज़िन्दगी में सहा है...बहुत ऊपर जाकर बंदा नीचे से फिर से शुरुआत कर रहा है अपनी कैरियर का...
कुछ परेशानियां उसके साथ तो ऐसी आ गई थी जहां उसे वाकई दोस्त की ज़रूरत थी... लेकिन उस समय भी उसके दोस्तों ने उसका साथ छोड़ दिया था...तब से उसे दोस्ती से भी भरोसा उठ गया था...जब तक अंकित के पास पैसे थे... शोहरत थे...तो बहुत सारे दोस्त उसके साथ थे...थोड़ी सी परेशानी आने पे सारे दोस्त बिखर गए...कितने मुश्किल झेलने के बाद वो मुंबई छोड़कर आगरा रहने अाया था...नहीं तो मुंबई जैसा शहर कौन छोड़ता है...
मुझे तो उससे और भी ज्यादा हमदर्दी हो गई... बन्दे में दम है...2010 में 50 हजार की जॉब छोड़कर 7 हजार की जॉब करना... ज़िन्दगी में ज़रूर जंग जीतने के बराबर है..इतने में तो इंसान टूट जाता है...हार मान लेता है...लेकिन अंकित में जज्बा था... हर परिस्थिती में खुद को साबित करना...और वो चीज़ आज तक किसी में मैंने नहीं देखा...
वो कहते हैं ना...
जमाने को आजमाऊंगा... लेकिन हार नहीं मानूंगा...
तूफ़ानों से लड़ जाऊंगा... लेकिन हार नहीं मानूंगा...
हो कितनी भी तकलीफें... इस दर्द भरी ज़िन्दगी में...
हर ज़ख़्म को सह जाऊंगा... लेकिन हार नहीं मानूंगा...
एक दिन अचानक मेरी तबियत ख़राब हो गई थी.. काफी तेज बुखार आ गया था...अंकित तुरंत ऑफिस छोड़कर मेरे पास आया और दवा वगेरह देकर मेरे सर दबाने लगा..सर पे पट्टी भी करने लगा...मैनें कहा ऑफिस जाओ मैं ठीक हो जाऊंगा...वो सुने ही ना... ऑफिस फोन कर दिया मैं नहीं आ सकता कुछ काम है...
वो मेरे साथ पूरा दिन...पूरी रात... बस मेरा ख्याल रखने में ही निकाल दिया...रात भर अपनी गोद में मुझे सुलाता रहा... मैं बहुत ही ज्यादा किस्मत वाला था कि अंकित जैसा दोस्त मिला...जो भाई से भी बढ़कर मुझे प्यार किया...मुझे अपने हाथ से खाना खिलाता... मेरे पैर भी दबाता... मेरे कपड़े तक धुलता...इतना प्यार कहां कोई करता है...
ज़िन्दगी सफल हो गई थी उसके जैसा दोस्त मिलने से...मेरे साथ हर परिस्थिती में साथ रहा... चाहे बुरे वक़्त हो या खुशी के पल...कभी मुझे अकेला नहीं रहने दिया... एक परछाईं की तरह हमेशा मेरे साथ रहा... ऐसे दोस्त मिलना बड़े नसीब की बात होती है...
मै थोड़ा बीच में आशिक़ी में भी पड़ गया था.. और बहुत ही ज्यादा डिप्रैशन में चला गया था... ख़ुद को संभालना बड़ा मुश्किल हो गया था....लेकिन उस समय अंकित ही मेरा सहारा बना और बहुत motivate किया मुझे... बहुत समझाया मुझे...उस दलदल से बाहर निकाला जहां अगर वो साथ ना होता तो आशिक़ी के चक्कर में मैं ख़ुद को ही डुबो जाता...ज़िन्दगी ही ख़त्म कर देता...शायद...
उसका साथ मेरे ज़िन्दगी के लिए एक नया जीवनदान था...
वो कहते हैं ना...
आज रब से दुआ करता हूं कि तू ऐसे ही मेरे साथ रहे...
लू अगर अगला जन्म तो... तू दोस्त बनकर मेरे साथ रहे...
बड़ी अच्छी ज़िन्दगी चल रही थी हमसब की...दो साल बीतने के बाद मैंने जॉब छोड़ दिया नोएडा में शिफ्ट होना था...अब समय आ गया था अलग होने का...दो तीन दिन हम ख़ूब मस्ती किए... घूमना, हसी, मज़ाक वो गाना भी गए और हम सुने भी...थोड़ा इमोशनल दिन था... क्योंकि हमें अब अलग होना था... पता नहीं दोबारा मिल भी पाते की नहीं... इसलिए अपनी यादों को यादों के बॉक्स में हमेशा के लिए समेट कर रखना चाहते थे...
जाते वक़्त हम दोनों बहुत रोए थे...गले मिलकर...लड़के बहुत कम रोते हैं... लेकिन ये दोस्ती की मोहब्बत है जनाब आंसू आ ही जाते हैं...अंकित से बिछड़ना ऐसा लगा कि खुद से ही दूर जा रहा हूं... बस दिल में यही उम्मीद थी कि हमारी दोस्ती हमेशा ऐसे ही बरकरार रहे हमेशा की लिए...प्यार कभी कम ना...कभी भी मिले तो पुराने अंदाज में ही मिले...
मैं नोएडा में शिफ्ट हो गया...
दो साल बीतने के बाद अंकित ने भी जॉब छोड़ दी...मेरे से बात होती है... मैं अपने पास बुला लेता हूं...मुझे बड़ी खुशी हुई थी कि इतने दिन बाद हम फिर से मिल गए बड़ा अच्छा लगा उस समय...
अब यहां अंकित नए जॉब की तलाश करता है लेकिन कोई जॉब मिल नहीं पा रही थी...वो भी परेशान था.. किसी को बताया भी नहीं था कि जॉब छोड़ दिया है... घर पर भी नहीं...तीन चार महीने तो उसने ऐसे ही बिता दिए...अब तो पैसे भी खत्म हो गए थे उसके पास...
हालांकि हम लोग साथ ही रहते थे लेकिन जॉब ना हो तो इंसान कितना दिन खाली हाथ बैठ सकता है...मैंने भी उसे कभी महसूस नहीं होने दिया कि तू अकेला है...और हमेशा उसके साथ ही रहा...6 महीने बीत गए ऐसे ही लेकिन कोई जॉब नहीं मिली...मैंने भी बहुत कोशिश की लेकिन कहीं हो ही नहीं पा रहा था...
उसने अपना singing स्टार्ट किया और music पर पूरा ध्यान दिया फिर...खूब प्रेक्टिस करता...
बिना जॉब के जिम्मेदारी का बोझ इंसान कब तक उठाता...घर पर भी उसे पैसे भेजने होते थे... लेकिन अब क्या करता...
मैं तो रोज भगवान से यही दुआ करता कहीं भी उसकी नौकरी लग जाए बस...उसकी परेशानी हमसे देखी नहीं का रही थी...टूट गया था बंदा...दर्द होता है जब इंसान के पास इतना टैलेंट हो और उस टैलेंट की कोई कदर ना हो...
बड़ी ही मुश्किल हालात में उसने समय काटा है...कभी कभी तो खाना भी नहीं खाता... मैं खूब डाट ता... मैं हमेशा कहता... मैं तेरे साथ हूं... कभी अकेला मत समझना खुद को...आज बुरे दिन है तो कल अच्छे दिन भी आएंगे मेरे भाई...
वो कहते है ना...
तेरे नाम के चर्चे हर शहर भी देखेगा...
तेरी कामयाबी की उड़ान एक दिन वो आसमां भी देखेगा...
तेरी शख्सियत, तेरी पहचान, सबके लिए एक मिशाल बन जाएगी...
देखना वो दिन भी आएगा मेरे दोस्त...
जब तुझे सारा हिन्दुस्तान देखेगा...
मैंने उसे हिम्मत दिया और समझाया... ज़िन्दगी एक रेस है भाई... इस रेस में हार जीत तो लगा ही रहता है...तुम्हारे अंदर जो जज़्बा है... जो हिम्मत है... उस जोश के साथ जिस दिन तू मैदान में उतर गया ना... वहां तुम्हें हराने वाला कोई नहीं होगा...उस रेस के असली खिलाड़ी तुम ही होगे...
उसने भी खुद को समझाया और फिर से कोशिश किया जॉब के लिए...लेकिन इस बार अंदाज अलग था...
कुछ दिन बाद मेरे पास आता है... और कहता है... भाई मेरी जॉब लग गई... बहुत ही अच्छी कम्पनी में...
मेरे दिल में तो खुशी का ठिकाना ही नहीं था...फूले नहीं समा रहा था...उसके चेहरे की खुशी देख कर मुझे जो सुकून मिला...पूछो ही मत....
और सैलरी पैकेज भी बहुत हाई था...ये उसकी मेहनत का कमाल था... उसकी लगन का...नहीं तो ऐसे में इंसान तो खुद से ही हार मान लेता...लेकिन उसने कभी हारना सीखा ही नहीं...
वो कहते हैं ना...
सफ़र थोड़ा लम्बा है...
मगर ख्वाहिशें अभी बाकी है...
अभी तो समंदर सी लहरें उठी हैं मेरे अंदर...
अभी तो ख़ुद को थोड़ा मशहूर करना बाकी है...
जब कदम बढ़ा दिया है मंजिल की तरफ...
तो ये नहीं सोचना की जाना कितना दूर है...
अब तो बस एक ही जिद्द है मेरी...
इस खुले आसमान में...
ज़िन्दगी जीने के उड़ान अभी बाकी है....
आज अंकित काम पूरे शहर में बोलता है... हर कोई अंकित के काम का दीवाना है...
चाहे यूपी हो या मुंबई...
अब वो लड़का काफ़ी फेमस हो चुका है...लेकिन हमारी दोस्ती आज भी मोहब्बत से भरी पड़ी है...हम दोनों आज बहुत आगे निकल गए है ज़िन्दगी के इस रेस में...हमारी लाइफ स्टाइल भी काफ़ी change हो गई है...
बहुत बड़ी बड़ी समस्याएं अाई हमारे बीच... लेकिन अगर
हम साथ होते हैं तो समस्या भी हमसे दूर भागती है...बहुत लोगों ने हमें हराना चाहा... झूकाना चाहा...
लेकिन कहते हैं ना...
जब हम साथ होते हैं तो... सामने वाला ही हार जाता है...और जीत हमारी ही होती है...
आशीष और अंकित की दोस्ती किसी के प्यार की मोहताज नहीं...
हमारी दोस्ती में इतनी मोहब्बत है कि मोहब्बत को भी मोहब्बत का एहसास हो जाए...
एक दिन...
किसी ने मुझसे कहा दोस्ती पे तुम कितना लिख सकते हो...
मैंने कहा मुझे लिखने कि क्या जरूरत बस अंकित नाम ही काफ़ी है....
आज भी हम साथ हैं हमेशा साथ रहेंगे...
Miss u & love u भाई
मेरी प्रार्थना है भगवान से की तुम दोनो की ये दोस्ती वो हमेशा ऐसे ही बनाए रखें। god bless u both of you 🙂
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