Tuesday, 4 August 2020

हम...

हम वो रेत नहीं जिसे हर कोई मुठ्ठी में कैद कर सके....
हम तो वो आग का दरिया हैं जो पर्वत को भी पिघला देते हैं...


आशीष गुप्ता...

No comments:

Post a Comment

हर ख़्वाब हक़ीक़त हो जाए ...ये जरूरी तो नहीं... हर मोहब्बत पूरी हो जाए ...ये जरूरी तो नहीं... हम तुम्हें पसंद करतें हैं ...ये और बात है... त...