Sunday, 16 August 2020

मोहब्बत की बरसात...

सोचते सोचते आज सुबह से शाम हो गई...
ख़्वाबों में तुमसे आज थोड़ी सी मुलाक़ात हो गई
मेरे जिश्म में तेरे जिश्म कि ख़ुशबू घुली कुछ इस कदर...
हम भीगते रहे और मोहब्बत की बरसात हो गई...

आशीष गुप्ता...

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