सूरत है भोली सी प्यारी सी लड़की है...
मेरे ही दिल के एक कोने में रहती है...
उसकी हँसी जब चेहरे पर पड़ती है...
आँखों से होकर वो दिल में उतरती है...
सामने भी आती है और थोड़ा मुस्कुराती है...
कितना भी कोशिश कर लु फिर भी बात ही न हो पाती है...
दूर भी रहती है पास भी रहती है...
अकेला जब होता हुँ तो साथ भी रहती है...
आज कल वो कुछ उदास सी रहती है...
देखती है मगर अंजान सी रहती है...
फिर भी अच्छी भी लगती है मासूम भी लगती है...
आँखों में काजल कुछ झील सी लगती है...
नाक में नथनी है और कान में बाली है....
छोटी सी बिंदी है होंठो पे हल्की सी लाली है....
ख़ुशदिल भी है वो खुशमिज़ाज भी वो..
ज़िन्दगी को जीने का एक एहसास भी है वो....
आशीष गुप्ता
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