Thursday, 25 January 2018

एक सन्देश देश के नाम.....


सूरज की रोशनी के साथ, एक नये युग का आगाज़ हो रहा है...
हिन्दू-मुस्लिम के साथ-साथ, सिख-इशाई बोल रहा है...
आज सुनेगा हर देश, इस देश की आवाज़ को...
वतन की सरज़मी से, सारा हिन्दुस्तान बोल रहा है...
मेरा देश बोल रहा है, हर इंसान बोल रहा है...
इंकलाब बोल रहा है, जिंदाबाद बोल रहा है...
ये आवाज़ है हर उस इंसान की, जिसके दिल में बसता हिन्दुस्तान है...
ये आवाज़ है हर उस जवान की,जो भारत माता की शान है...
भारत माता की जय-जयकारों से, अब गूंज उठेगा हिन्दुस्तान...
धड़-धड़-धड़-धड़ काँप उठेगा, चाइना हो या पाकिस्तान...
तुम खून बहाते हो इंसा के, इंसानों को भड़काते हो...
मज़हब, दहशत, आतंक के नाम पर, इंसानों को लड़वाते हो...
याद रख ओए आतंकवाद, औक़ात तुम्हारी दिखलायेंगे...
सुधरना है तो सुधर जाना,
नहीं तो तेरे घर में ही तिरंगा फहराएँगे...
इस देश के टुकड़े करने वालों, तुम क्या जानो आज़ादी...
मज़हब का सहारा लेते हो, तुम क्या जानो आज़ादी...
हम बतलाते हैं तुमको, कैसे मिलती है आज़ादी...
जिस दिन सेना के हाथ खुल गए, उस दिन देखोगे आज़ादी...
कियूं आतंकवाद बढ़ाते हो, कियूं खून किसी का बहाते हो...
कियूँ धर्म जाति के नाम पर, धहसतगर्दी फ़ैलाते हो...
अब बंद करो ये खून बहाना, हम सब भी किसी के लाल है...
तेरा भी लहु लाल है, मेरा भी लहु लाल है...
फिर कियूं इतनी नफ़रतें हैं, फिर कियुं इतनी बंदिशें हैं...
भाई-भाई के प्यार में, कियुं इतनी उलझने हैं...
तोड़ दो वो दिवारें जो, हमें अलग-थलग करती हैं...
छोड़ दो वो रस्ते भी, जो हमें अलग-थलक करती हैं...
जब मुल्क हमारा एक है, तो हम इंसान अलग कियुं हैं...
जब तिरंगें का तीन रंग साथ-साथ हैं, तो हमारे रंग अलग कियुं हैं...
अब हिंदुस्तान एक है, हाथों में तिरंगा एक ही होगा...
मंदिर-मस्ज़िद एक है, तो गीता क़ुरआन एक ही होगा...
इस देश की शान में तन, मन, धन सब अर्पित है...
भारत माता का क़र्ज़ चुकाने ये आशीष समर्पित है.....

आशीष गुप्ता

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