अभी तो शुरू किया है दो चार कदम चलना ये ज़िन्दगी...
तूफानों ने अपना मिज़ाज अभी से बदल रखा है...
बोल दो उनसे थोड़ा शब्र रखें...
आंधियों को हमने मंजिल का पता दे रखा है....
आशीष गुप्ता
तूफानों ने अपना मिज़ाज अभी से बदल रखा है...
बोल दो उनसे थोड़ा शब्र रखें...
आंधियों को हमने मंजिल का पता दे रखा है....
आशीष गुप्ता
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