वो लड़की
कुछ सावली सी थी...
मगर लगती
थोड़ी माल भी थी...
उसकी अदाएं भी
थोड़ी कातिलाना सी थी...
मगर जब चलती तो
और भी कमाल की थी...
उसकी आंखों मे एक
नशा सा था...
उसकी बातों में कुछ
मज़ा सा था...
हिलाकर चलती
जब कमर वो थी...
ना देखूं तो लगती
कुछ सज़ा सी थी...
होंठ पे उसने लगाई
लाली जो थी...
दांत से जब दबाती उसे
तो लगती मलाई सी थी...
कुछ सावली सी थी...
मगर लगती
थोड़ी माल भी थी...
उसकी अदाएं भी
थोड़ी कातिलाना सी थी...
मगर जब चलती तो
और भी कमाल की थी...
उसकी आंखों मे एक
नशा सा था...
उसकी बातों में कुछ
मज़ा सा था...
हिलाकर चलती
जब कमर वो थी...
ना देखूं तो लगती
कुछ सज़ा सी थी...
होंठ पे उसने लगाई
लाली जो थी...
दांत से जब दबाती उसे
तो लगती मलाई सी थी...
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