नई-नई सुबह गर हो तो, दिन भी अच्छा लगता है...
नया-नया शहर गर हो तो, शहर भी अच्छा लगता है...
ढूंढ लो कितना भी सुख, इस सारे संसार में...
लेकिन थोड़ी सी तकलीफ गर हो तो, अपना घर ही अच्छा लगता है...
आशीष गुप्ता...
हर ख़्वाब हक़ीक़त हो जाए ...ये जरूरी तो नहीं... हर मोहब्बत पूरी हो जाए ...ये जरूरी तो नहीं... हम तुम्हें पसंद करतें हैं ...ये और बात है... त...
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