ये मासूम सा चेहरा...बहकी फिजाएं...
उठे जो नज़र तेरी...कसम से घायल ही कर जाए...
लगता है जैसे... कोई मूरत हो तुम...
बहुत ख़ूबसूरत...बहुत ख़ूबसूरत हो तुम...
आंखों में काजल है... होठों पे लाली है...
लड़की ख़ूबसूरत है...तू लगती बड़ी प्यारी है...
जन्नत से अाई जैसे...कोई परी हो तुम...
बहुत खूबसूरत...बहुत खूबसूरत हो तुम...
रेशम सी जुल्फों में...बादल का पहरा है...
तुम्हारी दिल की धड़कनों में... राज़ भी गहरा है...
उस रब की जैसे कोई...अमानत हो तुम...
बहुत ख़ूबसूरत...बहुत ख़ूबसूरत हो तुम...
शीशा सा चमकता...ये बदन है तुम्हारा...
लहरें भी छू ले तो... मिल जाए किनारा...
सावन की जैसे...पहली बरसात हो तुम...
बहुत ख़ूबसूरत...बहुत ख़ूबसूरत हो तुम....
आशीष गुप्ता...
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