इस दुनिया में जिसने मुझे...अपने पैरों पे खड़े होना सिखाया है...
उंगलियां पकड़कर जिसने मुझे... चलना सिखाया है...
जिंदगी की हर कठिनायों से मुझे डट कर... लड़ना सिखाया है...
वो मेरी मां ही हैं जिसने मुझे... जिंदगी को जीना सिखाया है...
उनके इस एहसान इस ममता को मै... ज़िन्दगी भर ना चुका पाऊंगा...
लूंगा सात जन्म लेकिन फिर भी... ना उतार पाऊंगा...
आशीष गुप्ता
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