Sunday, 11 April 2021

मोहब्बत...



मेरी मोहब्बत पे कीचड़ उछालने वालों...
कभी ख़ुद को आईने में देखा है क्या...
मैं जिस भी गली से गुज़र जाऊं उधर मोहब्बत की बरसात हो जाती है...
तुमने कभी आसमां को भीगते हुए देखा है क्या...

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