ज़िन्दगी की डायरी में अल्फ़ाज़ बहुत थे... मगर फिर भी कुछ कमी सी थी...
सफ़र के इस दौर में हमसफ़र भी ख़ूब थे... मगर फिर भी कुछ कमी सी थी...
अचानक से ज़िन्दगी के पन्नों में कुछ सुगबुगाहट सी हुई...
किसी के आने की खबर लगी... और दिल में दस्तक सी हुई...
तुम्हारे आने से आज मेरी ज़िन्दगी की डायरी पूरी हो गई...
जैसे कोई अधूरी ख्वाहिश आज फिर से पूरी हो गई...
No comments:
Post a Comment